Selected Plays for
1st National theatre Festival.
1st November 2023
ड्रामा टॉकीज़, मुंबई | नाटक - जीना इसी का नाम है
निर्देशक- सुरेश भारद्वाज
प्रसिद्ध अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी और ख्यातिलब्ध कलाकार राजेन्द्र गुप्ता द्वारा अभिनीत नाटक 'जीना इसी का नाम है' अर्बुजोव के मूल रूसी नाटक 'इयू सोमरसाल्ट से प्रेरित है। प्रसिद्ध निर्देशक एवं अद्वितीय प्रकाश डिजाइनर सुरेश भारद्वाज द्वारा निर्देशित यह नाटक आम जीवन की कशमकश में खुशियाँ ढूंढ लेने की रोचक दास्तान है।
2nd November 2023
निर्माण कला मंच, पटना | नाटक - बिदेसिया
निर्देशक- संजय उपाध्याय
भोजपुरी भाषा के शेक्सपियर कहे जाने वाले महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर द्वारा लिखित 'बिदेसिया' बिहार की लोक नाट्यशैली का मानक है। संगीत, परिकल्पना और निर्देशन चर्चित रंग निर्देशक श्री संजय उपाध्याय का है, जिन्होंने इस नाटक का मंचन देश-विदेश में सैकड़ों बार किया है। पलायन की समस्या की मार्मिक संगीत प्रस्तुति भाव जगत को उद्वेलित कर एक नया आयाम गढ़ती है।
3rd November 2023
ट्रेजर आर्ट एसोसिएशन, दिल्ली | नाटक - अंधायुग
निर्देशक - जॉय मीतेई
प्रसिद्ध हिन्दी लेखक धर्मवीर भारती द्वारा लिखित और एन०एस०डी० तथा लंदन इण्टरनेशनल स्कूल ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स, लंदन द्वारा प्रशिक्षित सुविख्यात निर्देशक जॉय मिताई द्वारा निर्देशित यह नाटक महाभारत के अंतिम दिन की गाथा है। सायको- फिजिकल (Psychophysical) स्टाइल का यह नाटक युद्ध और विनाश, करुणा और मानवता, हिंसा और एथिक्स का रोमांचकारी आख्यान है।
4th November 2023
रूप वाणी संस्थान, वाराणसी | नाटक - राम की शक्ति पूजा
निर्देशक- व्योमेश शुक्ला
महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित काव्य 'राम की शक्तिपूजा की रंग प्रस्तुति प्रसिद्ध निर्देशक व्योमेश शुक्ल की है। गोरखपुर रंग महोत्सव में इस नाटक की 94वाँ प्रस्तुति है। इसकी विशेष बात है कि मुख्य भूमिका लड़कियाँ ही निभाती है और यह प्रयोग रामलीला का काउण्टर प्रयोग है। युद्धरत राम का अवसाद और फिर शक्ति का संचार लोमहर्षक और भाव विभोर कर देने वाली सांगीतिक गाथा है।
5th November 2023
समागम रंगमंडल, जबलपुर | नाटक - भूमि
निदेशक - स्वाति दुबे
प्रसिद्ध रंगकर्मी और नाटकों में सौन्दर्यशास्त्र, मनोविज्ञान और सामाजिक मुद्दों को एक उपकरण की तरह प्रयोग करने वाले प्रयोगधर्मी लेखक आशीष पाठक द्वारा लिखित और एन. एस. डी. से प्रशिक्षित स्वाती दूबे द्वारा निर्देशित "भूमि" महाभारत के वनपर्व की पृष्ठभूमि पर आधारित है। स्त्री कोई भूमि नहीं, यह स्थापना मिथकों, स्त्री-पुरुष संबंधों से होते हुए संपूर्ण मानव जाति को छूती है और निर्णय भविष्य पर छोड़ देती है। इंटेंस अभिनय से भरपूर यह प्रस्तुति रोमांचकारी है।